The Greatest Guide To sidh kunjika
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देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
रात के समय ये पाठ ज्यादा फलदायी माना गया है.
मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम्।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः
नमस्ते शुम्भ हन्त्र्यै च, निशुम्भासुर घातिनि।
सरसों के तेल का दीपक है तो बाईं ओर रखें. पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठें.
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
येन मन्त्र प्रभावेण, चण्डी जापः शुभो भवेत।।
मां दुर्गा की पूजा-पाठ में शुद्धता का विशेष ध्यान रखें. सुबह-शाम जब भी आप ये पाठ करें तो स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण read more करें और फिर इसे शुरू करें.
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः